बहुत दिनों के बाद अवध के राम लौट कर आये,
बहुत दिनों के बाद अवध ने गीत शगुन के गाये.
बहुत दिनों के बाद शंख -ध्वनि गूँजी घर आँगन में,
बहुत दिनों के बाद पुनः लौटा वसंत उपवन में.
बहुत दिनों के बाद दुखों के बादल छँटने पाये,
बहुत दिनों के बाद सुखों ने पग इस और बढ़ाये.
बहुत दिनों के बाद कटे सब पाप- नाश के प्रेरे,
बहुत दिनों के बाद मिटे आशंकाओं के घेरे.
बहुत दिनों के बाद अमावस लगी पूर्णिमा जैसी,
बहुत दिनों के बाद चांदनी ज्यों कण-कण में सरसी.
बहुत दिनों के बाद सत्य की विजय ध्वजा लहराई,
बहुत दिनों के बाद असुर-सत्ता की हुई विदाई.
बहुत दिनों के बाद मिटे अंतर्मन के अँधियारे,
बहुत दिनों के बाद अवध के दूर हुए दुःख सारे.
बहुत दिनों के बाद राम से राजा हमने पाए,
इसीलिये तो घी के दीपक घर- घर गए जलाये !