Induja
Monday, 31 July 2023
A covid time poem
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Welcome, August! May you be a harbinger of happy change Relief, resilience and restoration To the human race suffering Under the ...
Friday, 28 April 2023
चिर-स्मरणीया माँ
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चिर - स्मरणीया माँ! तुम्हें याद करने के लिए मुझे, किसी विशेष दिन की नहीं अपेक्षा, स्मृति पटल पर अंकित हो तुम, जीवन के एक अंग की तर...
1 comment:
Wednesday, 12 April 2023
April Showers
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"April showers bring May flowers " true, But it's already half -past March, And not a speck of clouds in the s...
Thursday, 23 March 2023
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Monday, 20 February 2023
जाग रही है रात
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सूरज के जाने के बाद उसके लौट कर आने तक जागती रहती है रात. घने अँधेरे में, अदृश्य रहकर भी बनाये रखती अपनी स्वतंत्र अस्मिता छायी रहती ...
Sunday, 13 November 2022
दीपावली
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बहुत दिनों के बाद अवध के राम लौट कर आये, बहुत दिनों के बाद अवध ने गीत शगुन के गाये. बहुत दिनों के बाद शंख -ध्वन...
Wednesday, 24 August 2022
गुलाब हूँ मैं ....
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जानता हूँ छोटी सी है मेरी यह जीवन रेखा इसलिए नहीं पालता कोई बड़े सपने लम्बी और निरापद ज़िन्दगी के सशंकित सा रहता हूँ हर पल ,हर घड़ी न जा...
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